प्रयागराज न्यूज डेस्क: प्रयागराज के मांडा क्षेत्र के गिरधरपुर निवासी भवन सामग्री व्यापारी अनिल पांडेय के बेटे अभिषेक पांडेय को शुक्रवार को टखने में चोट लगने के बाद टैगोर टाउन स्थित फीनिक्स अस्पताल में भर्ती कराया गया था। डॉक्टरों ने इलाज से पहले बीमा कार्ड दिखवाया और बताया कि ऑपरेशन व इलाज का खर्च 40 हजार रुपये के अंदर रहेगा। लेकिन जब रविवार को डिस्चार्ज का समय आया, तो परिवार को 1.35 लाख रुपये का बिल थमा दिया गया, जिसे देखकर वे दंग रह गए।
बिल की राशि को लेकर विवाद हुआ और परिवार ने अस्पताल प्रशासन से जवाब मांगा। लेकिन कोई संतोषजनक जवाब न मिलने पर उन्होंने जॉर्जटाउन थाने में शिकायत दी। सोमवार को जब अभिषेक के समर्थन में उनके गांव से कई लोग अस्पताल पहुंचे, तो वहां हंगामा मच गया। पुलिस के दखल के बाद अस्पताल प्रबंधन ने गलती मानी और मरीज के परिवार को 1 लाख रुपये का चेक लौटाया।
अनिल पांडेय ने आरोप लगाया कि अस्पताल ने जानबूझकर बीमा का फायदा उठाकर फर्जी और फूला हुआ बिल बनाया। यह न केवल धोखाधड़ी है, बल्कि आम जनता की आर्थिक सुरक्षा पर सीधा हमला है। यह पूरा मामला निजी अस्पतालों में पारदर्शिता की कमी और स्वास्थ्य व्यवस्था की जवाबदेही पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।